12 जून 2025 को भारत के अहमदाबाद शहर में एक दिल दहला देने वाला विमान हादसा हुआ, जब Air India की लंदन जाने वाली फ्लाइट AI171 उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद क्रैश हो गई। इस हादसे में लगभग 200 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, लेकिन इन सबके बीच चमत्कार स्वरूप एक यात्री जीवित बचा है।

Air India हादसा की पृष्ठभूमि: फ्लाइट AI171 का टेकऑफ़ और त्रासदी
यह हादसा गुरुवार सुबह 10:12 बजे हुआ, जब एयर इंडिया की बोइंग 787‑8 ड्रीमलाइनर (Boeing 787 Dreamliner) फ्लाइट AI171 ने अहमदाबाद एयरपोर्ट से लंदन गैटविक (London Gatwick) के लिए उड़ान भरी थी।
- विमान में कुल 242 लोग सवार थे, जिनमें 225 यात्री और 17 क्रू सदस्य शामिल थे।
- यात्रियों में 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और 1 कनाडाई नागरिक थे।
- विमान को लगभग 8 घंटे की उड़ान तय करनी थी, लेकिन उड़ान भरने के 6 मिनट के भीतर ही यह हादसे का शिकार हो गया।
कहां हुआ क्रैश?
विमान ने अचानक ऊंचाई खो दी और अहमदाबाद के मेघानी नगर इलाके में एक मेडिकल हॉस्टल पर जा गिरा, जिसमें MBBS स्टूडेंट्स रह रहे थे। यह हादसा न केवल विमान के यात्रियों के लिए घातक सिद्ध हुआ, बल्कि ज़मीन पर मौजूद दर्जनों मेडिकल छात्रों की भी जान ले गया।

तबाही का मंजर
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, विमान में तेज़ आवाज़ के साथ विस्फोट हुआ और वह हॉस्टल की इमारत में जा टकराया।
- आसपास की 5-6 इमारतें आग की चपेट में आ गईं।
- घटनास्थल से 200+ शव निकाले गए।
- सैकड़ों लोग झुलस गए और दर्जनों छात्र ICU में भर्ती हैं।
- NDRF, एयरफोर्स और स्थानीय पुलिस ने बचाव कार्य संभाला।
- दुर्घटना के बाद कई घंटों तक क्षेत्र में धुएं का गुबार छाया रहा।
एकमात्र जीवित यात्री: ‘विष्वास कुमार रमेश’
इस हादसे में चमत्कारी रूप से केवल एक व्यक्ति विष्वास कुमार रमेश (38 वर्षीय) जीवित बचा है।
- सीट संख्या: 11A
- पेशा: इंजीनियर (बताया गया कि वे लंदन एक कॉन्फ्रेंस में भाग लेने जा रहे थे)
- घटना के समय: इमरजेंसी एग्जिट के पास बैठा था
- कैसे बचा? अनुमान है कि विमान गिरने से पहले उसे किसी तरह सीट बेल्ट खुलते ही एक खुली खिड़की से बाहर फेंक दिया गया या विमान के पिछली ओर बचाव संरचना ने उसकी जान बचा ली।
वर्तमान में उसे अहमदाबाद सिविल अस्पताल के ICU में रखा गया है और हालत स्थिर बताई जा रही है।
राहत और बचाव कार्य
घटना के तुरंत बाद:
- एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) की 3 यूनिट्स मौके पर पहुँचीं।
- एयर इंडिया की मेडिकल टीम और वायुसेना के हेलीकॉप्टर्स ने मोर्चा संभाला।
- दमकल की 12 गाड़ियों ने आग बुझाने में योगदान दिया।
- घायलों को अहमदाबाद सिविल अस्पताल और अपोलो अस्पताल में भर्ती किया गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद स्थिति की समीक्षा की और सभी संबंधित एजेंसियों को तुरंत राहत पहुंचाने के निर्देश दिए।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएँ
इस हादसे की खबर आते ही भारत ही नहीं, ब्रिटेन, पुर्तगाल और कनाडा में भी शोक की लहर दौड़ गई।
- ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने ट्वीट कर दुख जताया और पीड़ित परिवारों के लिए सहायता का वादा किया।
- भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट में कहा, “यह क्षति अत्यंत पीड़ादायक है, सरकार हर संभव मदद प्रदान कर रही है।”
- एयर इंडिया की मूल कंपनी टाटा ग्रुप के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने भी गहरी संवेदना जताई।
तकनीकी पहलू: Dreamliner पर सवाल
Boeing 787 Dreamliner को दुनिया के सबसे सुरक्षित विमानों में गिना जाता है, लेकिन यह पहली घातक दुर्घटना है जिसमें Dreamliner पूरी तरह नष्ट हो गया।
प्राथमिक जांच में निम्नलिखित बिंदु सामने आए हैं:
- टेकऑफ़ के तुरंत बाद पायलट ने कंट्रोल टावर को “हाइड्रोलिक फेल्योर” का संकेत दिया था।
- उसके बाद इंजन नंबर 2 में स्पार्किंग देखी गई और कुछ ही मिनटों में विमान ने तेजी से ऊँचाई खो दी।
DGCA (Directorate General of Civil Aviation) और AAIB (Aircraft Accident Investigation Bureau) ने संयुक्त जांच कमेटी गठित की है।
मुआवज़ा और सहायता घोषणाएँ
एयर इंडिया और टाटा ग्रुप ने पीड़ितों के परिवारों के लिए मुआवज़े की घोषणा की:
- मृत यात्रियों के परिवार को ₹1 करोड़ का मुआवज़ा
- घायलों को ₹25 लाख तक की सहायता
- ब्रिटेन, पुर्तगाल और कनाडा से आने वाले नागरिकों को उनके दूतावासों द्वारा विशेष राहत पैकेज
विमान यात्रा को लेकर एक डर का माहौल
हादसे के बाद पूरे देश में विमान यात्रा को लेकर एक डर का माहौल बन गया है।
- सोशल मीडिया पर #AirIndiaCrash ट्रेंड करने लगा।
- विमान सुरक्षा को लेकर सरकार पर सवाल उठने लगे हैं।
- लोगों ने बोइंग विमानों के मेंटेनेंस और उड़ान से पहले की जांच प्रक्रिया को लेकर चिंता जताई।
आगे क्या?
1. जांच और सजा:
सरकार और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियाँ मिलकर पूरी पारदर्शिता के साथ जांच कर रही हैं। यदि पायलट की गलती या तकनीकी लापरवाही पाई जाती है तो दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
2. Dreamliner की सुरक्षा समीक्षा:
Boeing कंपनी को सभी 787 Dreamliner विमानों की इमरजेंसी जांच करने का आदेश दिया गया है।
3. नए प्रोटोकॉल:
DGCA अब टेकऑफ़ से पहले सभी विमानों की डबल-चेकिंग प्रक्रिया पर काम कर रही है।
निष्कर्ष: चेतावनी या चमत्कार?
Air India के इस हादसे में एकमात्र जीवित बचे यात्री की कहानी जहां एक ओर चमत्कार है, वहीं यह भारत की एविएशन प्रणाली के लिए एक चेतावनी भी है।
क्या हमने उड़ानों की सुरक्षा में कुछ समझौते किए हैं?
क्या हमें टेक्नोलॉजी पर अंधविश्वास से हटकर हर बार मैन्युअल सुरक्षा सुनिश्चित नहीं करनी चाहिए?
यह हादसा केवल एक त्रासदी नहीं, बल्कि भारतीय एविएशन व्यवस्था के लिए एक कठोर सबक है।
पाठकों से निवेदन
क्या आप भी विमान यात्रा को लेकर चिंता में हैं?
क्या आपने Dreamliner में कभी यात्रा की है?
आप इस हादसे को लेकर क्या सोचते हैं – चमत्कार या सिस्टम की नाकामी?
कृपया अपनी राय नीचे कमेंट में जरूर साझा करें।