
देश के दो बड़े राज्यों — तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल — में अब 2026 के विधानसभा चुनावों की आहट सुनाई देने लगी है। गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में मदुरै में आयोजित एक रैली के दौरान यह साफ कर दिया कि भाजपा और एनडीए अब इन राज्यों में सत्ता परिवर्तन का लक्ष्य लेकर चल रही है।
तमिलनाडु में D.M.K. सरकार पर वार
अमित शाह ने मदुरै की जनसभा में कहा,
“मैं डीएमके को नहीं हरा सकता, लेकिन तमिलनाडु की जनता हरा सकती है।”
यह बयान न सिर्फ एक राजनीतिक चुनौती है, बल्कि यह संकेत भी है कि भाजपा अब तमिलनाडु में सक्रिय रूप से अपनी जड़ें मजबूत करने में लगी है।
उन्होंने राज्य की डीएमके सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए:
- रेत खनन घोटाला – ₹4,600 करोड़
- TASMAC शराब बिक्री घोटाला – ₹39,000 करोड़
- पोषण किट घोटाला – जनता के पैसे का दुरुपयोग
अमित शाह का मानना है कि तमिलनाडु की जनता अब भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण की राजनीति से ऊब चुकी है और बदलाव के मूड में है।
पश्चिम बंगाल में TMC पर हमला
पश्चिम बंगाल को लेकर भी अमित शाह ने तीखे तेवर दिखाए। उन्होंने ममता बनर्जी सरकार को जनविरोधी, अलोकतांत्रिक और भ्रष्ट करार देते हुए कहा कि भाजपा वहां की जनता के भरोसे पर फिर से खरा उतरेगी।
शाह ने यह दावा किया कि:
- पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था चरमराई हुई है
- राजनीतिक हिंसा और भ्रष्टाचार चरम पर है
- लोग अब सांस्कृतिक और वैचारिक रूप से मजबूत नेतृत्व चाहते हैं
भाजपा की 2026 चुनावी दिशा
भाजपा अब उन राज्यों की ओर रुख कर रही है जहाँ अब तक उसकी पकड़ मजबूत नहीं रही। दक्षिण भारत (विशेषकर तमिलनाडु) और पूर्वी भारत (पश्चिम बंगाल) में पार्टी संघटनात्मक विस्तार, जनसंपर्क अभियान और मजबूत गठबंधन की रणनीति पर काम कर रही है।
अमित शाह का यह चुनावी शंखनाद यह दर्शाता है कि भाजपा 2026 के चुनावों की तैयारियों में अभी से जुट गई है। चाहे डीएमके हो या टीएमसी, भाजपा अब हर चुनौती का जवाब जनता के सहयोग और राष्ट्रवादी एजेंडे के साथ देने के लिए तैयार है।