भारतीय रेलवे का लोअर बर्थ नियम – वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगजनों के लिए बड़ी राहत”
भारतीय रेलवे ने यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए लोअर बर्थ अलॉटमेंट (Lower Berth Allotment) से जुड़ा एक नया नियम लागू किया है। यह नया नियम खासतौर पर वरिष्ठ नागरिकों (Senior Citizens), महिलाओं, और दिव्यांग यात्रियों (Differently-abled passengers) की सुविधा को प्राथमिकता देने के उद्देश्य से बनाया गया है।

किसके लिए है यह सुविधा?
रेलवे द्वारा जारी की गई नई व्यवस्था के अनुसार, निम्नलिखित श्रेणी के यात्रियों को लोअर बर्थ की प्राथमिकता दी जाएगी:
- 60 वर्ष से अधिक आयु के पुरुष वरिष्ठ नागरिक
- 58 वर्ष से अधिक आयु की महिला वरिष्ठ नागरिक
- गर्भवती महिलाएं
- दिव्यांग यात्री (Divyangjan)
- अकेली महिला यात्री (यदि उम्र 45 से ऊपर हो)
नए नियम के अंतर्गत मुख्य बदलाव क्या हैं?
1. ऑटोमेटिक लोअर बर्थ अलॉटमेंट
अब जब भी वरिष्ठ नागरिक या दिव्यांगजन टिकट बुक करेंगे, सिस्टम अपने आप उन्हें लोअर बर्थ अलॉट करने की कोशिश करेगा। यदि उपलब्ध हो, तो उन्हें शीर्ष प्राथमिकता के आधार पर लोअर बर्थ दी जाएगी।
2. ऑनलाइन टिकट बुकिंग में प्राथमिकता
IRCTC की वेबसाइट और मोबाइल ऐप के माध्यम से टिकट बुक करने पर यदि यात्री उपरोक्त श्रेणियों में आते हैं, तो सिस्टम स्वतः लोअर बर्थ को प्राथमिकता देगा, भले ही वह तत्काल या सामान्य कोटा हो।
3. टिकट बुकिंग में ‘बुक ओनली इफ लोअर बर्थ इज़ अवेलेबल’ का विकल्प
अब यात्री चाहें तो बुकिंग करते समय यह विकल्प चुन सकते हैं कि अगर लोअर बर्थ न मिले तो टिकट ही न बुक हो। इससे वरिष्ठ नागरिकों को सफर में परेशानी से बचाया जा सकेगा।
कितनी बर्थ आरक्षित की गई हैं?
रेलवे ने हर कोच में कुछ विशेष बर्थ आरक्षित की हैं जो सिर्फ वरिष्ठ नागरिकों, गर्भवती महिलाओं और दिव्यांगजनों के लिए ही उपलब्ध होंगी:
- Sleeper Class: प्रति कोच 6 लोअर बर्थ
- 3AC Coach: प्रति कोच 4 लोअर बर्थ
- 2AC Coach: प्रति कोच 4 लोअर बर्थ
वरिष्ठ नागरिकों के लिए पहले से मौजूद रियायतें
रेलवे पहले से ही वरिष्ठ नागरिकों को टिकट में कुछ छूट दे रही थी (हालांकि कोविड-19 के बाद यह कुछ समय के लिए स्थगित है)। अब लोअर बर्थ की प्राथमिकता उन्हें अधिक आरामदायक यात्रा का अनुभव देगी।
महत्वपूर्ण बातें ध्यान में रखने योग्य:
- लोअर बर्थ की प्राथमिकता बुकिंग की उपलब्धता पर निर्भर करेगी।
- ग्रुप बुकिंग (एक से ज्यादा यात्री) में लोअर बर्थ की गारंटी नहीं दी जा सकती।
- अगर कोई वरिष्ठ नागरिक अकेले यात्रा कर रहा है, तो उन्हें लोअर बर्थ की अधिक संभावना होती है।
- यह नियम केवल मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों, राजधानी/शताब्दी/दुरंतो और सुपरफास्ट ट्रेनों पर लागू है।
रेलवे का उद्देश्य क्या है?
रेलवे का कहना है कि इस बदलाव का उद्देश्य वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगजनों को अधिक सम्मान और सुविधा प्रदान करना है। यात्रियों की बढ़ती संख्या और उनकी ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए यह एक सकारात्मक और संवेदनशील कदम है।
कैसे करें टिकट बुकिंग?
- IRCTC की वेबसाइट या ऐप पर जाएं
- अपनी यात्रा की जानकारी भरें
- यात्री की श्रेणी सही से चुनें (जैसे वरिष्ठ नागरिक, दिव्यांग, महिला)
- ‘Only if lower berth is available’ विकल्प चुनें
- टिकट बुक करें
लोगों की प्रतिक्रिया क्या रही?
सोशल मीडिया पर लोगों ने रेलवे के इस निर्णय की सराहना की है। वरिष्ठ नागरिकों ने इस नियम को अपनी सुविधा के लिए एक राहत बताया है।
भविष्य में क्या और बदलाव हो सकते हैं?
रेल मंत्रालय संकेत दे चुका है कि भविष्य में और भी AI-आधारित ऑटो अलॉटमेंट सिस्टम लाने की योजना है जिससे बर्थ का वितरण और भी बेहतर किया जा सके।

भारतीय रेलवे का लोअर बर्थ को लेकर यह नया नियम यात्रियों की सुविधा, सुरक्षा और सम्मान के लिए एक सराहनीय कदम है। इससे बुजुर्ग और दिव्यांग यात्रियों को यात्रा में अधिक सहूलियत मिलेगी। आने वाले समय में उम्मीद है कि रेलवे यात्रियों की ज़रूरतों को और भी बेहतर तरीके से समझेगा और सेवाएं देता रहेगा।