अमरनाथ यात्रा 2025: ऑपरेशन शिवा के साये में सुरक्षित दर्शन, जानिए यात्रा मार्ग, सुरक्षा और नियम
हर साल की तरह इस साल भी अमरनाथ यात्रा के दौरान लाखों श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए कठिन पहाड़ियों और बर्फीले रास्तों से गुजर रहे हैं। लेकिन इस बार सुरक्षा के लिहाज से केंद्र और जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने बेहद सख्त इंतज़ाम किए हैं। ‘ऑपरेशन शिवा 2025’ नामक विशेष सुरक्षा योजना लागू की गई है, जिसके अंतर्गत हर मोर्चे पर सख्त निगरानी की जा रही है।

अमरनाथ यात्रा मे ऑपरेशन शिवा: क्या है इसकी खास बातें?
- CCTV और AI आधारित सर्विलांस सिस्टम:
- बालटाल, पहलगाम, चंदनवाड़ी, पंजतरनी जैसे मुख्य पड़ावों और संवेदनशील बिंदुओं पर 500+ हाई-रिज़ॉल्यूशन कैमरे लगाए गए हैं।
- कुछ कैमरों में AI बेस्ड फेस रिकग्निशन तकनीक भी जोड़ी गई है, जिससे संदिग्ध गतिविधियों की पहचान तुरंत हो सके।
- ड्रोन से आसमानी पहरा:
- संवेदनशील क्षेत्रों और दुर्गम पहाड़ियों पर नाइट-विज़न ड्रोन से 24×7 निगरानी की जा रही है।
- ड्रोन सीधे नियंत्रण कक्ष से जुड़े हैं, जहां से सुरक्षा बल हर गतिविधि पर नजर रख रहे हैं।
- अर्धसैनिक बलों की तैनाती:
- यात्रा मार्ग पर CRPF, ITBP, BSF और जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवान हर 500 मीटर पर तैनात हैं।
- स्पेशल माउंटेन यूनिट्स को कठिन पर्वतीय रास्तों पर गश्त करने की जिम्मेदारी दी गई है।
- बंकर और चेक-पोस्ट:
- बालटाल और पहलगाम बेस कैंप के अलावा यात्रा मार्ग पर 150 से अधिक बंकर और चेक-पोस्ट बनाए गए हैं।
- यात्रियों के सामान की मल्टी-लेयर चेकिंग की जा रही है, जिसमें मेटल डिटेक्टर और X-ray स्कैनर का इस्तेमाल हो रहा है।
- साइबर निगरानी और इंटेलिजेंस इनपुट:
- NIA और IB के संयुक्त सहयोग से साइबर मॉनिटरिंग सेल बनाया गया है, जो सोशल मीडिया और संदिग्ध गतिविधियों पर पैनी नजर रखता है।
- हर संदिग्ध मैसेज, कॉल या डिजिटल गतिविधि को ट्रैक किया जा रहा है।

अब तक की सुरक्षा रिपोर्ट:
- अब तक यात्रा के दौरान कोई आतंकी घटना नहीं हुई है।
- कई संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई है।
- 60,000 से अधिक जवान इस बार तैनात किए गए हैं, जो अमरनाथ यात्रा के इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी सुरक्षा तैनाती है।
यात्रा मार्ग पर भी विशेष इंतज़ाम:
- RFID टैगिंग: हर पंजीकृत श्रद्धालु को RFID कार्ड दिया गया है जिससे उसकी रियल-टाइम लोकेशन ट्रैक की जा रही है।
- हेल्पलाइन और कंट्रोल रूम: किसी आपात स्थिति में तुरंत सहायता के लिए 24×7 कंट्रोल रूम सक्रिय है (टोल-फ्री नंबर 14417)।
- मेडिकल और आपदा प्रबंधन टीम: हर 3 किलोमीटर पर मेडिकल टीम, एम्बुलेंस और SDRF की टीम तैनात है।
प्रशासन का संदेश:
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा है –
“श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा सर्वोच्च प्राथमिकता है। ऑपरेशन शिवा के जरिए हम हर खतरे को रोकने के लिए तैयार हैं। देशभर के भक्त निश्चिंत होकर बाबा बर्फानी के दर्शन करें।
ऑपरेशन शिवा 2025 एक अत्याधुनिक और बहुआयामी सुरक्षा कवच बन चुका है, जिसने अमरनाथ यात्रा को और अधिक सुरक्षित बना दिया है। श्रद्धालु न केवल आस्था बल्कि आत्मविश्वास के साथ यात्रा कर रहे हैं। यह योजना भारत की सुरक्षा व्यवस्था की दक्षता और श्रद्धालुओं के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है।