पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर (पीडीडीयू नगर) में सोमवार को केंद्रीय विद्यालय संगठन, वाराणसी संभाग की 36वीं राष्ट्रीय युवा संसद प्रतियोगिता का भव्य आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम पीडीडीयू नगर स्थित केंद्रीय विद्यालय में संपन्न हुआ, जिसमें क्षेत्रभर के आठ विद्यालयों की टीमें शामिल हुईं। इस प्रतियोगिता का उद्देश्य न केवल विद्यार्थियों में लोकतांत्रिक मूल्यों का विकास करना है, बल्कि उन्हें संसदीय परंपराओं और कार्यप्रणाली से अवगत कराना भी है।
36वीं राष्ट्रीय युवा संसद प्रतियोगिता उद्घाटन समारोह: विधायक रमेश जायसवाल ने किया शुभारंभ

कार्यक्रम का उद्घाटन पीडीडीयू नगर विधायक रमेश जायसवाल ने दीप प्रज्वलित कर किया। अतिथि के रूप में श्री कौशल कुमार भारती रहें । इस अवसर पर पीडीडीयू नगर विधायक ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि युवा संसद प्रतियोगिता लोकतंत्र की मजबूती के लिए महत्वपूर्ण पहल है। यह प्रतियोगिता विद्यार्थियों में वाद-विवाद की संस्कृति को बढ़ावा देती है और उन्हें संसदीय परंपराओं को समझने का अवसर प्रदान करती है।
उन्होंने कहा,
“नई पीढ़ी जितनी संसदीय परंपराओं और लोकतांत्रिक मूल्यों से जुड़ेगी, लोकतंत्र उतना ही मजबूत और जीवंत बनेगा। युवा संसद के माध्यम से विद्यार्थी अपने विचारों को खुलकर रखते हैं और जनता की समस्याओं को मंच तक पहुंचाते हैं, जो एक सशक्त लोकतंत्र की पहचान है।”
निर्णायक मंडल रहें
कार्यक्रम में निर्णायक मंडल के रूप में पीडीडीयू नगर विधायक श्री रमेश जायसवाल केन्द्रीय विद्यालय संगठन वाराणसी के सहायक आयुक्त श्री दिनेश चन्द्र मीना, प्राचार्य डॉ. अजय सिंह व अरुण कुमार सिंह रहें ।
आठ विद्यालयों की टीमें हुईं शामिल
इस प्रतियोगिता में कुल आठ विद्यालयों की टीमें शामिल हुईं। प्रत्येक टीम ने संसदीय कार्यप्रणाली के अनुसार अपनी भूमिका निभाई। विद्यार्थियों ने सत्ता पक्ष और विपक्ष के रूप में अपनी बात रखी और विभिन्न समसामयिक मुद्दों पर बहस की।
इस प्रतियोगिता के दौरान विद्यार्थियों ने न केवल सरकार की नीतियों और योजनाओं पर चर्चा की, बल्कि जनता की वास्तविक समस्याओं को भी उजागर किया। उन्होंने बेरोजगारी, शिक्षा में सुधार, पर्यावरण संरक्षण, स्वच्छता अभियान, महिला सुरक्षा और ग्रामीण विकास जैसे मुद्दों पर विचार रखे।
युवा संसद ने जनता की समस्याओं को प्रमुखता से उठाया
इस वर्ष की युवा संसद की खास बात यह रही कि इसमें विद्यार्थियों ने आम जनता की समस्याओं को प्रमुखता से उठाया। ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं की कमी, शिक्षा व्यवस्था में सुधार, स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता और पर्यावरण संरक्षण जैसे मुद्दे संसद में गूंजे।
विपक्ष की भूमिका निभा रहे विद्यार्थियों ने सत्ता पक्ष से सवाल पूछे और समाधान की मांग की। सत्ता पक्ष ने अपने तर्क और योजनाएं प्रस्तुत कीं। इस तरह से यह प्रतियोगिता न केवल एक शैक्षिक गतिविधि रही, बल्कि इसने विद्यार्थियों को वास्तविक संसदीय प्रक्रिया का अनुभव भी कराया।
प्रभारी प्राचार्या क्षमा सिंह का वक्तव्य
कार्यक्रम की प्रभारी प्राचार्या (Incharge Principal) श्रीमती क्षमा सिंह ने प्रतियोगिता के सफल आयोजन पर गर्व व्यक्त किया। उन्होंने कहा,
“युवा संसद प्रतियोगिता विद्यार्थियों के लिए सीखने का एक उत्कृष्ट मंच है। यहां वे लोकतंत्र की बारीकियों को समझते हैं, संवाद कौशल विकसित करते हैं और समाज के मुद्दों पर अपनी दृष्टि रखते हैं। इस वर्ष विद्यार्थियों ने न केवल बेहतरीन प्रस्तुति दी बल्कि जनता की समस्याओं को उठाकर अपनी जिम्मेदारी का परिचय भी दिया।”
उन्होंने सभी प्रतिभागियों को उनके जोश और समर्पण के लिए बधाई दी और कहा कि इस तरह की प्रतियोगिताएं भविष्य में भी आयोजित की जाती रहेंगी।

शिक्षक ने की सराहना
कार्यक्रम में मौजूद शिक्षक विद्यार्थियों के उत्साह और प्रतिभा से अत्यंत प्रभावित हुए। उन्होंने माना कि इस प्रकार की प्रतियोगिताएं बच्चों को आत्मविश्वासी बनाती हैं और उन्हें समाज के प्रति जिम्मेदार नागरिक बनने की प्रेरणा देती हैं।
युवा संसद प्रतियोगिता का महत्व
युवा संसद प्रतियोगिता केवल एक प्रतियोगिता नहीं, बल्कि लोकतंत्र की पाठशाला है। इसका उद्देश्य विद्यार्थियों में निम्नलिखित गुण विकसित करना है:
- वाद-विवाद की संस्कृति को बढ़ावा देना
- संसदीय कार्यप्रणाली की समझ विकसित करना
- सामाजिक और राष्ट्रीय मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाना
- नेतृत्व क्षमता और संवाद कौशल को निखारना
- लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूत करना
आज के समय में जब लोकतंत्र की नींव युवाओं पर टिकी है, इस प्रकार की प्रतियोगिताएं उनके व्यक्तित्व और विचारधारा को सशक्त बनाती हैं।
प्रतियोगिता के परिणाम और भविष्य की दिशा
प्रतियोगिता के परिणाम की घोषणा कार्यक्रम के समापन सत्र में की जाएगी। विजेता टीम को सम्मानित किया जाएगा और उनकी प्रस्तुति को अन्य विद्यालयों के लिए प्रेरणास्रोत बताया जाएगा।
केंद्रीय विद्यालय संगठन का उद्देश्य इस प्रतियोगिता के माध्यम से न केवल विद्यार्थियों को जागरूक बनाना है, बल्कि उन्हें भविष्य के जिम्मेदार नागरिक और नेता के रूप में तैयार करना भी है।
युवा संसद ने जनता की समस्याओं को मंच तक पहुंचाकर यह साबित किया कि नई पीढ़ी केवल शिक्षा ही नहीं, बल्कि समाज की बेहतरी और लोकतंत्र की मजबूती के लिए भी संकल्पित है।
कार्यक्रम का मंच संचालन अनन्या यादव व धन्यवाद ज्ञापन रविशंकर गौड़ ने किया। कार्यक्रम में चन्द्रभूषण प्रसाद,नगीना राम,संजय कुमार वर्मा, बृजभान राम,संजय कुमार सिंह, संतोष पटेल, अनुराग चतुर्वेदी, एस.के. भारती ,आनंद, सोमील, शिल्पा , रिचा सिंह,अर्चना ,संतोष कुमार,सत्य प्रकाश श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहे ।